Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 31422 0 Hindi :: हिंदी
कविता और कवि ... ये तो है , बिखरती चांदनी , गुनगुनाती रागनी , महकती बहती हवा ...! किसी ने दर्द , किसी ने मरहम किसी ने खुशी , किसी ने गम कहा ...! कोई / कैसे आखिर इसे , मन के आंचल में , समेटे कहां ...? यह लिखी नहीं जाती , खुद-ब-खुद लिख जाती है , जरा गौर से देखो तो , हर जगह मिल जाती है ...! मिलेगी तुम्हें ये , सारी कायनात के जर्रे-जर्रे से लेकर , संसद से समाधि तक और तो और ये , समाज की व्याधि तक ...! मन की भावनाओं से , निकलती मचलती हुई , कविता वक्त के सांचे में , एक ढलती हुई मोम है ...! सच वही कवि जो , लिखता निर्बाध गति से बोलते उसके शब्द , और रहता वो मौन है ...! पर हां आजकल के , कविताओं में कविता कहां होते कुछ लफ्ज़ और अर्थ रहता सब गौण है ...! ये तो है , उनमुक्त गगन का पंछी इसे पिंजरे में , कैद करने वाले , हम कौन हैं ...? इसे गद्यों , पद्यों , पंक्तियों और छंदों में , लिखकर अपने को कवि कहने वाले हम कौन हैं , आखिर हम कौन हैं ...?