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पितृ पक्ष-पितृ पक्ष पितरों की उपासना

Komal Kumari 14 Oct 2023 कविताएँ धार्मिक 12365 0 Hindi :: हिंदी

पितृ पक्ष पितरों की उपासना है जो सभी पूर्वजों के लिए किया जाता है, पूर्वजों और उनके पितरों के आशीर्वाद और दुआओं से भरती हमारी झोली है।
पितृ पक्ष के ये श्रद्धा पूर्ण पावन दिन, हमारे पूर्वजों के स्मृतियों के दिन याद करके उनको परंपराओं से जोड़ने हम, हमारी जड़ों से हमें जोड़ते यह दिन।
कौवा या अन्य रूप में होता पूर्वजों का स्वरूप है, करते हैं उनको हम भोजन अर्पण, तभी पूर्ण होता पितरों का दर्पण।
खुलता है उनका भी द्वारा आते हैंआते हैं वह भी अपने घर, देख अपनों को मुसीबत में हर जाते हैं वह दुख दर्द।
समय ने आधुनिकता का ऐसा जाल बिछाया ,कर दिया पितरों को अपने से दूर,क्या कहे ये है नई  पीढ़ी का आगमन।
आते हैं आज भी वह हमारे पास, पर हम उन्हें देख नहीं पाते, चले जाते हैं वह आंखों में आंसू लेकर फिर कभी ना आते।
पितरों को आंखों में आंसू ना देना, वह हमारे ही कल की परछाई है, रहो जरूर आधुनिकता में पर अपने वेदों को भी पढ़ो।
जो भी मिला है हमें अपने पूर्वजों से सदा उनका सम्मान करें, पितृ पक्ष में पितरों को दान कर सदा उन्हें अपनों का होने का एहसास दिलाए।
जीवन हमारा सवार कर चले गए जो संसार से, याद करें और स्वागत करें उन्हें सम्मान से ,शामिल हो गए जो पूर्वजों की दुनिया में नमन है उन सभी को दिल की गहराई से।

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