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मां

Ankit Soni 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 8850 0 Hindi :: हिंदी

रोने पर वो मेरे मुझे गोद में उठाती
अपना खाना छोड़ कर वो मुझको तो खिलाती
खेलने को मांगू कुछ तो मां चांद भी ले आती
सपने मैंने देखे मां मंजिल दिलाती
रास्तों को चुनावी भी मां ही तो सिखाती
जीने का वह हमको तरीका भी सिखाती
बुरा ये दिखाऐ दुनिया अच्छा मां दिखाती
दुनिया क्या चीज है हमे मां ही तो बताती

बुरे कीए काम हमने सबसे मां छुपाती
अच्छे कीए काम हमने सबको वह बताती
दुखी खुद रहके वो हम को खुश वो कराती
अपना सब हार के वह हमको ही जीत आती
मौत भी हो सामने मां उससे भी लड़ जाती
हाथ से पकड़ के हमको चलना भी सिखाती
पीटना ना बेटे को पापा को बताती 
धरती पर रह के मां जन्नत दिखाती

पूरी जिंदगी मां ने किया हमसे प्यार
खाना कब खिलाऊं उसे रहता इंतजार
बेटा बेटा वह पुकारे बार-बार
ना पसंद है मां को दुर रहने की दीवार
पीटते जब पापा वह बचाती हर-बार
मां ने ही सिखाया मुझ में जितना है ये ज्ञान
मां की करनी पूजा मां हि‌ है भगवान
मां है साथ मेरे तो ही हु मैं बलवान

प्यार करना मैंने अपनी मां से ही तो सीखा
तकलीफे जेली मां ने अपनी आंखों से ये देखा 
प्यार अपनी मां का मैंने दिल में अपने रखा
प्यार मां का सच्चा बाकी दुनिया पूरी धोखा 
देख लो भगवान इसका मां ही एक मौका
मां हो अगर साथ अपने जीना अपना सोखा
बगैर मां के जीना एक पल भी अब ओखा
     
                                     अंकित सोनी, 🙏

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