संदीप कुमार सिंह 11 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 7015 0 Hindi :: हिंदी
#विधा:_दोहा आधारित मुक्तक छंद #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" आज रात है अति खुशी,होगा भव्य विवाह। हृदय मिलेंगे झूम कर,होगी नूतन चाह। खुशियों की बरसात से,महफिल में है जोश_ लड़की लड़का हैं सजे, सब मुख करते वाह।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....