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सच्चा राही

Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य चलते जाओ चलते जाओ अभी कहा विश्राम है 24270 1 5 Hindi :: हिंदी

                   "सच्चा राही"
                 निकल पड़ा तू रास्ते पर
                                मन में कुछ अरमान लिए
दुनिया को अपना मान कर
                         कुछ करने की अब ठान लिए।
हताशाओ से भरा जीवन
                            कुछ बात लोगो की 
चलते जाना, चलते जाना
                     नित चलना बिना विश्राम लिए।
कुछ खुद से कहकर 
                         कुछ याद कुछ भूलकर
जीवन तो एक मेला है
                         आगे बढ़ते जाओ 
सुख-दुख के झूले में झूलकर।
                       हार मत जाना तू 
सच्चाई की राह में
              अच्छाई न छूटे तुमसे मंजिल की चाह में.....
           अंजनी पांडेय( साहब)

                           
                          
                         
                          

Comments & Reviews

विक्रांत मिश्र
विक्रांत मिश्र Wah panday ji awesome

11 months ago

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