ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार और परिवार 15451 0 Hindi :: हिंदी
मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है, जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं, जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं, जब बार-बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं, जब ऊँच-नीच समझाने में माथे की नस दुःख जाती है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है,और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। जब पोथे खाली होते है, जब हर्फ़ सवाली होते हैं, जब गज़लें रास नही आती, अफ़साने गाली होते हैं, जब बासी फीकी धूप समेटे दिन जल्दी ढल जता है, जब सूरज का लश्कर छत से गलियों में देर से जाता है, जब जल्दी घर जाने की इच्छा मन ही मन घुट जाती है, जब कालेज से घर लाने वाली पहली बस छुट जाती है, जब बेमन से खाना खाने पर माँ गुस्सा हो जाती है, जब लाख मन करने पर भी पारो पढ़ने आ जाती है, जब अपना हर मनचाहा काम कोई लाचारी लगता है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। जब कमरे में सन्नाटे की आवाज़ सुनाई देती है, जब दर्पण में आंखों के नीचे झाई दिखाई देती है, जब बड़की भाभी कहती हैं, कुछ सेहत का भी ध्यान करो, क्या लिखते हो दिन भर, कुछ सपनों का भी सम्मान करो, जब बाबा वाली बैठक में कुछ रिश्ते वाले आते हैं, जब बाबा हमें बुलाते है,हम जाते में घबराते हैं, जब साड़ी पहने एक लड़की का फोटो लाया जाता है, जब भाभी हमें मनाती हैं, फोटो दिखलाया जाता है, जब सारे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
1.MA (GEOGRAPHY) 2.UGC/NTA/NET (QUALIFIED) 3.UPSC/UPPCS (PREPRATION) 4.UPSC( INTERVIEW)2 TIMES ...