Neha bansla 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Struggle # success # motivation # labour # poems 8539 0 Hindi :: हिंदी
लगाकर तिनके की भारी भीड़, बनाने लगी हु मै एक नीड। अब इसी में मेरी शाम और है सवेरा। क्योंकि बारिश से बचने का है,ये मेरा एकमात्र बसेरा। ऊंचे, घने पैड की बीच है घर मेरा, और भूख के मारे झुकने लगा तन मेरा। पर अब रुकी तो मेहनत हो जाएगी विफल मेरी, और नही कर पाऊंगी में बच्चो की ख्वाहिश पूरी। फिर नजानें कहा से एक भयंकर तूफान आया, और मेरा घोंसला तोड भगाया।पर मेहनत मै फिर कर जाऊंगी, फिर एक एक तिनका जोड़कर नीड बनाऊंगी।