Pradeep Kumar Maurya 04 Mar 2024 कविताएँ दुःखद 2084 0 Hindi :: हिंदी
बारिश का कहर बरसे, बुझा दे जीवन की प्यास, बूंदों की गतिमय नृत्य, हर दिल को भा जाए बात। धरती को लेकर सजीव, जीवन की नई बहार, बारिश की गोदी में, खो जाए सभी का खजाना अपार। बिजली की चमक, आवाज की घुटन, आँधियों का संगम, बारिश की भरी बौछार। कागज के नाचते तुकड़े, कलम की दस्तक, बारिश के इस मौसम में, हर शायरी की बारात। प्रकृति का उत्सव, हर इंसान के दिल में, बारिश की गोदी में, खो जाए सभी का तन-मन। इस मेघों का खेल, हर कोने में रंगत, बारिश की धुन में, धरा ने पहनी नयी जंग। बारिश का कहर बरसे, बन जाए रिमझिम गान, धरा की गोदी में, मिल जाए सभी का आनंद।