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तजुर्बे नहीं -अनुभव की चाबियां

Raj Ashok 25 Jan 2024 कविताएँ दुःखद अनुभव 14416 0 Hindi :: हिंदी

अपनी उम्र के लिफाफे 
        अब दराज में रखे है।।
हम ऊमीद की दुनियाँ से
          अब रिटायर हो चुके है। 
          ये तजुरबे नहीं ,अनुभव
कि चाबियाँ है। पास हमारे
         चंद लम्हे पास बैठना। 
         बहुत कुछ सिखाएगे। 
जो वक्त हमने जिया। इस दुनिया मे
          वो  सुरज ,की रोशनी
         वो दिल के गहरे राज सब बताएगे । 
सोचते है।साथ न चले जाऐ ।
         हमारे सघर्ष के किस्से 
         वो मस्तीयों के पल 
चंद पल तुम्हारे......जरूरी है।

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