Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #कलश् की कहानी 9104 0 Hindi :: हिंदी
मेरे पुत्र कार्तिक बंसल को समर्पित मेरी यह रचना कविता = ( कल की कहानी ) तुझमें अपना बचपन देखा ! तुझमें अपनी जवानी !! तुझमें गुजरा कल है देखा ! तुझमें कल की कहानी !! नए दौर में तू लिखेगा ! मेरी अलग कहानी !! मिट के भी मिट न पाऊं ! तुझमें मेरी रवानी !! तुझमें गुजरा कल है देखा ! देखा तुझमें कल की कहानी !! साँसे मेरी रूक न पाएं ! तुझमें धड़कन मेरी समाए !! जो सपने रहे अधूरे ! उन्हें जमीं पर तू लेके आए !! तुझमें सब मुझको पाएं ! पुनर्जन्म फिर से हो जाए !! तुझमें अपना अक्श है देखा ! तुझमें अपनी निशानी !! तुझमें गुजरा कल है देखा ! तुझमें कल की कहानी !! ख्वाहिश जो पूरी न हो पाई ! साँझ आज फिर मिलने आई !! वक्त ने ली फिर अंगड़ाई ! प्यार भरी ऋतु फिर से आई !! ख्वाहिशें दुल्हन बनकर आई ! तुझमें दुनियाँ मेरी समाई !! तुझमें नया सवेरा देखा ! तुझमें रात सुहानी !! तुझमें गुजरा कल है देखा ! तुझमें कल की कहानी !! विपिन बंसल