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तुम हम पर रखते नजर हो-फिर भी कहते हो तुम बेखबर हो

Bholenath sharma 16 Feb 2024 कविताएँ समाजिक 6804 0 Hindi :: हिंदी

जानते हो तुम फिर क्यों अन्जान हो       
    मेरे पग पग के पीछे आपके चर हो ।       
    तुम हम रखते नजर हो                         
      फिर भी कहते हो तुम बेखबर हो ।

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