मोती लाल साहु 11 May 2023 शायरी समाजिक आ गया संस्कार-शिष्टाचार का नया चलन है, हर कोई दीवाना और दीवानी हैं- जगह-जगह इश्क़ के कंपनी खुले हैं मोबाइल ने तो लूट लिया सारे ज़माने का इश्क़ है- हो भी क्यों ना वर्ल्ड एजुकेशन का हब जो है- और तो और अन्न का ज़ायका भी अब मोबाइल के बिना फिका पड़ता है। 4536 0 Hindi :: हिंदी
आ गया संस्कार- शिष्टाचार का नया चलन है!! हर-कोई- दीवाना और दीवानी हैं जगह-जगह- इश्क़ के कंपनी खुले हैं, मोबाइल ने तो लूट लिया सारे ज़माने का जो इश्क़ है क्या परिवार- क्या बच्चा क्या बुढ़ा, सबके हाथों में मोबाइल है हो भी क्यों ना- वर्ल्ड एजुकेशन का हब जो है इश्क़ का जुनून ऐसा- सारा पर्दा उठा दिया अब, क्या देखना बाकी रह गया है और तो और अन्न का- ज़ायका भी अब मोबाइल, के बिना फीका पड़ता है आ गया संस्कार- शिष्टाचार का नया चलन है!! -मोती