Jyoti yadav 18 Jun 2023 कविताएँ समाजिक हैप्पी फादर्स डे 4168 0 Hindi :: हिंदी
आया दिन खुशियों का कितनी मस्ती है झूम रही हूं मैं झूमती पुरी बस्ती हैं पापा मेरे वो हस्ती है सामने जिनके दुनिया की हर चीज सस्ती है हैप्पी फादर्स डे का अनोखा दिन आया किसी ने मिठाई तो किसी ने केक कटवाया रौनक हुई मेरे नजाकत छाया धन्य है बापू मेरी जिन्होंने सभ्यता संस्कृति संस्कार का मार्ग दिखाया दिल कहता है चूम लूं उन कदमों को जिन्होंने मुझे अपने कदमों पर चलना सिखाया है दि है खुशियां सारा आंखों से आंसू चूराया है निकली दुआ दिल से खुशियां बेसुमार रहे दौलत सम्पत्ती अपार रहे मेरे पापा के होठों पर मुस्कान रहे खुश रहे पापा खुश उनका ज़हान रहे देखो परी आपकी हंसती है हैप्पी फादर डे आपको कहती है आया दिन खुशियों का कितनी मस्ती है झूम रही हूं मैं झूमती पुरी बस्ती हैं