Kranti Raj 24 Nov 2023 शायरी प्यार-महोब्बत 15329 0 Hindi :: हिंदी
तु जा रही हो छोडकर गैरो के लिए हमने तो विश्वास किया दिलो जान से ज्यादा आज भी तेरे याद को हम समेटे बैठे है गम की चादर हम ओढ के बैठे है ! कवि-क्रान्तिराज बिहारी दिनांक-25-11-23
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