Komal Kumari 22 Jan 2024 शायरी समाजिक 3407 0 Hindi :: हिंदी
जिस्म की दुनिया अक्सर वहा मायने नहीं रखना जहां मन जुड़े हो, और जो रिश्ते मजबूरी के नीव पर बंधे जाते हो वहां लाख कोशिशें के बाद भी मन नहीं छोड़ पाता ,क्योंकि एक साथ एक कमरे में रहने से कोई हमसफ़र नहीं बन जाता।
#Mujhko pasand hai khud Ko hi padhna ek kitab hai mujhmein Jo mujhe aajmati hai. @ham Apne jivan ka...