Preeti singh 06 May 2023 कविताएँ अन्य काश सब बचपन जैसा होता 8932 0 Hindi :: हिंदी
बचपन भी क्या होता है सब अपना ही लगता है काश सब होता बचपन जैसा जो दिखता वैसा होता दुनिया भर की दुनियादारी ना होती दूर सब उदासी होती छोटे-छोटे खुशियों में जी लेते दुख हो तो मां से लिपट कर रो लेते पापा को सुपर मैन समझते अपने ही शान में अकड़ कर चलते ना रहता किसी बात का गम हर दम रहते मस्त मगन.. Preeti singh