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बस्तर नेट परियोजना

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य Devlopment 89820 0 Hindi :: हिंदी

	बस्तर संभाग के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना, बस्तर नेट परियोजना है, जिसके तहत संभाग के सातों जिलों में 60 करोड़ की लागत से 836 किमी आप्टिकल फाइबर बिछाया जाएगा। 
इस परियोजना से सातों जिला मुख्यालय समेत 32 विकास खंडों के मुख्यालय, सभी कस्बे, गांव व सुदूर नक्सल इलाके तथा घने वन नेट कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे। 
यह डिजिटल इनफार्मेशन हाइवे होगा, जिसका सदुपयोग धु्रतगति के इंटरनेट से मोबाइल जोड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न योजनाओं में किया जाएगा। 
इससे किसान आईटी के जरिये कृषि उत्पादन, मृदा परीक्षण, बिक्री मूल्य की जानकारी आदि ले सकेंगे। 
वर्चुअल एजुकेशन में इसका व्यापक उपयोग कर बस्तर में तालीम की दशा व दिशा सुधारने में भी इस योजना का उपयोग होगा। 
इस अहम परियोजना से जहां  इंटरनेट व मोबाइल कनेक्टिविटी से सूचनाओं के लेन-देन में काफी सहूलियतें होगी, वहीं नक्सली मोर्चे पर लोहा लेने में आसानी होगा।
	विदित हो कि बस्तर संभाग के विकास खंड मुख्यालय सहित जिला मुख्यालयों तक में मोबाइल नेटवर्क की गहन समस्या है। 
यह समस्या सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर में तो और भी विकट है। यहां अकस्मात नेटवर्क चला जाता है, जो कई-कई दिनों तक नदारद रहता है। 
संभागीय मुख्यालय जगदलपुर भी इस बीमारी से अछूता नहीं है। यहां इंटरनेट की गति अत्यंत धीमी रहती है, जो उपभोक्ताओं को रुलाती, सताती और चिड़ाती है। 
ऐसे में, अभी तक दूरस्थ जंगल में मोबाइल कनेक्टिविटी सहित इंटरनेट से चैट करना तो दूर, सोचना भी गुनाह माना जाता था।
	गौरतलब है कि बुरकापाल में नक्सल हमले के बाद पूरे देश का ध्यान बस्तर में मोबाइल कनेक्टिविटी पर चला गया है। 
यहां सूचना न मिल पाने की समस्या से नक्सल आपरेशन प्रभावित होता रहा है। पदस्थ जवान और अन्य कर्मचारी अपने परिजनों से बात करने के लिए दिनों तक तरसते रहते हैं। 
पुलिस व सुरक्षाबलों के बेस कैपों में भी नेटवर्क नहीं रहता। जवान पेड़ों में चढ़कर बात करने के लिए विवश रहते हैं। 
	इसमें 836 किमी आप्टिकल फाइबर रिंग पद्धति से बिछाया जाएगा। इसकी एक रिंग 405 किमी लंबी एवं दूसरी 421 किमी की होगी, जिसका लाभ यह होगा कि एक मार्ग से केबल कटने पर भी दूसरी ओर से कनेक्टिविटी बनी रहेगी। देखना यह है कि अपने उद्देश्य में यह नेट परियोजना कितनी सफल होती है?
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अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।
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