DINESH KUMAR SARSHIHA 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक #divine,#अध्यात्म 7904 0 Hindi :: हिंदी
अध्यात्म के बिना मानव जीवन अधूरा है।तमाम सांसारिक उपलब्धियों,धन,ऐश्वर्य एवं सुख भोग के साधन भी अंतरात्मा की पिपासा को शांत नहीं कर सकते ।बिना अध्यात्म के सब कुछ भौतिक होते हुए भी मानव जीवन में अधूरेपन की तड़प बनी रहती है।जीवन को समग्रता में जीने के लिए इसमें किसी रूप में अध्यात्म का समावेश करना पड़ता है।क्या खाएं,कितना खाएं,कब खाएं,कितनी मात्रा में खाएं,कैसे खाएं जैसे प्रश्नों के सही उत्तर हमारे पास होने चाहिए व इनका सजगता से हमें पालन भी करना चाहिए।आहार यथासंभव सात्विक एवं पौष्टिक तथा अपनी प्रकृति के अनुरूप रखना उचित रहता है।इसके साथ उचित विश्राम-नींद,व्यायाम,एवं श्रम का अनुपान स्वस्थ शरीर के ठोस आधार साबित होते हैं।वाचालता से बचें,जो भी बोलें,उसे सोच समझकर बोलें तथा अपने व्यवहार को गरिमापूर्ण तथा संतुलित रखें।अपने कार्यक्षेत्र में कर्त्तव्यनिष्ठा अध्यात्म पथ का एक और प्रमुख तत्व है।
I am fond of writing Poetry and Articles.I enjoy writing about culture,social and divine subjects.S...