Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है

Pravin Chaubey 26 Apr 2023 शायरी दुःखद #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 56372 0 Hindi :: हिंदी

गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है 
छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है
देके छोटी सी एक खुशी की झलक 
बदले में सौ दर्द देके रुलाती बहुत है 

अपना दर्द वो किस को बाया करे
जिनके सर के ऊपर छत नही है 
रहने को घर पहनने को वस्त्र नही है
गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है
छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है

कभी नंगे पांव तो कभी फटे हुए वस्त्र में वो 
धूप में चल के जाया करते है 
रह जाए ना कोई उनके घरों में भूखा 
ये सोच के दिन रात वो कमाया करते है 

कभी खुशी तो कभी गम में जिया करते है 
हम इंसान है साहब आंखे नम किया रहते है 
दुनिया की इस भीड़ में हम अपना दर्द जाके 
अब दिखाए किसको
सुनता तो कोई नही है अपनी कहानी को सुनाए किसको  
                         -  प्रवीण चौबे 
देके छोटी सी एक खुशी की झलक 
बदले में सौ दर्द देके रुलाती बहुत है 

अपना दर्द वो किस को बाया करे
जिनके सर के ऊपर छत नही है 
रहने को घर पहनने को वस्त्र नही है
गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है
छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है

कभी नंगे पांव तो कभी फटे हुए वस्त्र में वो 
धूप में चल के जाया करते है 
रह जाए ना कोई उनके घरों में भूखा 
ये सोच के दिन रात वो कमाया करते है 

कभी खुशी तो कभी गम में जिया करते है 
हम इंसान है साहब आंखे नम किया रहते है 
दुनिया की इस भीड़ में हम अपना दर्द जाके 
अब दिखाए किसको
सुनता तो कोई नही है अपनी कहानी को सुनाए किसको  
                         -  प्रवीण चौबे

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: