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रंग

Pankaj Kumar Boorakoti 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #रंग 146424 0 Hindi :: हिंदी

रंगों की अपनी है एक अलग पहचान, करता नहीं कोई इन का अपमान, 
हर बात किस्सों  में आती है इनकी याद,
कभी-कभी तो यह बन जाते हैं हर किसी के भी विवाद,
इनके लिए नहीं कोई अपना पराया,
सबके मन को है इनका हर रंग भाया, 
 सुख दुख में भी आते हैं ये  काम,
 हर रंग के अपने ही है नाम, 
रंगों की अपनी है पहचान, 
करता नहीं कोई इनका अपमान.
 लेखक पंकज कुमार बुड़ाकोटी 

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