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बेरहम हवा-अंदर तक झकझोर देती है

Ranjana sharma 14 Sep 2023 कविताएँ दुःखद बेरहम हवा#Google# 6695 0 Hindi :: हिंदी

ए बेरहम हवा मुझे
अंदर तक झकझोर देती है
जब अपने साथ तेरी 
यादें लेकर आती है

तेरी बेरुखी मुझसे
 सही ना जा रही है
कैसे बताऊं क्या
 दर्द दिए जा रही है

बयां करे भी किससे
जिससे प्यार है
वही ए विरहा की
चुभन दिए जा रहा है

ए सिंदूरी शाम अपने साथ तेरी
जुदाई का एहसास दिलाती है
ए काली विरानी रात
मुझे डंसने को आ जाती है
                धन्यवाद

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