Poonam Mishra 30 Mar 2023 गीत समाजिक कुछ पल तो गुजारो 26312 0 Hindi :: हिंदी
आज जी भर के बातें कर ले हम न जाने कल हम इस सफर में रहे ना रहे कई मोड़ है इस सफर में न जाने कौन सी राह मुड़ती है मेरे शहर को टूटते हैं रोज आशाओं के पल भी यहां न जाने कौन सा पल मेरे दिल को छू ले शूल बनके यहां आज हम तुम मिले हैं फूल बनकर यहां न जाने कल कोई फूल खिले ना खिले उमड़ती रहते हैं निराशा के बादल यहां चांद सूरज का तगड़ा है पहरा यहां क्या बताऊं कि तुमसे है रिश्ता क्या मेरा आज हम तुम मिले हैं एक दीपक की तरह यहां न जाने कल यह दीपक फिर जले ना जले