Shakuntla Sharma 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक # दूर गगन में एक तारा बनकर# उम्मीदो के दीप जलाकर 20304 0 Hindi :: हिंदी
दुर गगन में एक तारा बनकर में चमकता रहता हूं तेरी राहों में हजारों उम्मीदों के दीप जलाकर ढेरो दुआएं देता हूं। दूर गगन में एक तारा बनकर------------------------ कभी हवा का झोंका बनकर तेरे बदन को छुता रहता हुं ' । कभी सांसों की खुशबु बनकर तेरी सांसो को महकता रहता हुं । दूर गगन में एक तारा बनकर------------------------- सच्चाई के पथ पर चलने के लिये तेरी हिम्मत बन जाता हूं । में तेरा विश्वास बनकर तेरे दिल में ही रहता हुं ॥ दूर गगन में एक तारा बनकर------------------------ जीवन पथ पर चाहे घोर अंधेरा हो . । छाये बादल काले हो ॥ कांटों भरी राह हो कदम बढ़ाना मुश्किल हो । में सूरज की पहली किरण बनकर "दिशा" तुम्हे दिखाता हुं। दूर गगन में एक तारा बनकर-------------------------