धर्मपाल सावनेर 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत गम #भरी #गजल 8264 0 Hindi :: हिंदी
अपनी आंखो को हमने जी भर के रूला दिया भूलने वालो को हमने कब का भुला दिया ।। धड़क रहा था बोहोत जोरों से दिल ये मेरा हमने अपनी जान देकर उसे भी सुला दिया ।। नही मिलेंगे इश्क के किस्से किताबो में मेरी उन किताबों को तो मेने कब का जला दिया ।। थोड़ा जिंदा बचे हे थोड़ा मारा हुआ है , धरम, ये कोन सा जहर है जो तूने हमको पीला दिया ।। धरम सिंह राजपूत 8109708044