आकाश अगम 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #poetry #Ghazal #akashagam #sharmarahahai 88615 0 Hindi :: हिंदी
इन्हीं बातों से मन घबरा रहा है कोई अपना बिछड़ने जा रहा है। तेरे सँग बैठने का मन तो था पर मेरी वाली का सुन फ़ोन आ रहा है। वो बस हँसने की ख़ातिर हँस रही थी मेरा दिल ख़ामख़ा पगला रहा है। अभी तक मैंने दिल बहलाया दिल भर मग़र अब दिल मुझे बहला रहा है। तुम्हारी याद में बेचैन हो कर मेरा जी चैन कितना पा रहा है। वो ग़लती पर भी चुप्पी साध ले जब समझ लो आज कुछ समझा रहा है। कोई तो है जो आँसू पी रहा और कोई तो है जो ठोकर खा रहा है। जो हँसता है मग़र आँखें भिगो कर जो रोता है मग़र मुस्का रहा है। अरे सुन! बहुत शर्मीला है तू तो शरम करने में भी शर्मा रहा है। जो कहता था बता तो तोड़ दूँ चाँद वो अपनी चांद को तुड़वा रहा है। सिलेबस की किताबों में भी ये दिल उसी इंसान को पढ़ता रहा है। अहं जीने लगा इंसान बन कर मग़र इंसान मरता जा रहा है। उजाड़ी जिसने मेरी आज दुनिया कभी वो भी मेरी दुनिया रहा है। कोई इक शब्द भी सुनता नहीं पर 'अगम' पागल है यूँ ही गा रहा है। - आकाश अगम