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मेरा साथ निभाओ न-मन में सुकून और हृदय में अनुराग

Uday singh kushwah 25 Aug 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत गूगल याहू बिंग 12848 0 Hindi :: हिंदी

विपिन वैभव सा अनुराग जगाते,
    मन  के  कुछ संताप दूर हो जाते,
        तिमिर    में  थोडा़  प्रकाश बहाते,
            ठहरे जज्बातों को किनारा तुम दे जाते।

छू कर मेरे धूमिल काया को अमृत कर जाते,
    तुम्हारे स्पर्श से हम गंगा से पवित्र हो जाते,
        प्रिय तुम आते,मेरी दुनिया को सभांर जाते,
            मेरी उदासियों को अपने साथ बांध लें जाते।

मन में सुकून और हृदय में अनुराग जगाते,
    मन के आंगन में प्रेम का पौधा रोप  जाते,
        पिछली यादों को तुम मेरे मन से पोंछ जाते,
            दुखती रग को प्रेम की शीतलता से सहला जाते।

अपने बंद होंठों से मेरे कानों में कुछ कह जातें,
    ढलती सांझ से कुछ लालिमा लेकर मांग भर जाते,
        बढ़ती हृदय की बेचैनियों को कुछ कम कर जाते,
            मुझे सकल पगडंडियों की तुम सरल राह दिखाते।

सुबह सबेरे सी ओंस की बूंदों सा अमृत घोल जाते,
    मेरे जीवन के बीराने से गांव में विविध रंग भर जाते,
        मेरे दुखते घावों पर तुम प्रेम की मरहम लगा जाते,
            ओझल होती संध्या को तुम प्रकाश से भर जाते।

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