गीत – पत्ता पत्ता वही, डाली डाली वही
गुमसुम गुमसुम कहीं, खोई खोई रही
बीती यादें कई, कई बातें रहीं
कई रातें रहीं, गुनगुनाती रही
अपने सपने को यूं सजाती रही
गीत – पत्ता पत्ता वही, डाली डाली वही
गुमसुम गुमसुम कहीं, खोई खोई रही
बीती यादें कई, कई बातें रहीं
कई रातें रहीं, गुनगुनाती रही
अपने सपने को यूं सजाती रही