Saurabh verma 30 Mar 2023 गीत देश-प्रेम #देशप्रेम #india love 88927 0 Hindi :: हिंदी
मेरा देश महान था ,महान था ,महान था, आचरण की सभ्यता का सम्मान था, वेद शक्ति ही थी गूंजती सदा जहां, मंत्र भी थे उच्चता पाते वहां, मैं उस देश की गौरव गाथा गाने निकला हूं, वर्तमान को पुरातन इतिहास बताने निकला हूं| गुरु भी अपने ज्ञान से पूर्णता को प्राप्त थे, देते थे शिक्षा शस्त्र और शास्त्र की महान थे , सानिध्य पाकर द्रोण का अर्जुन बने महान थे, वशिष्ठ, अत्रि, विश्वामित्र ज्ञान का भंडार थे, उसी राष्ट्र का इतिहास बताने निकला हूं। मैं भारत की गौरव गाथा गाने निकला हू। नारियां भी जहां की अत्यधिक महान थी, मातृशक्ति ,पतिव्रता ही उनकी पहचान थी, पद्मिनी के त्याग से दुनियां भयभीत थी, लक्ष्मी के शौर्य से ही भारत की जीत थी, मैं उस घायल भारत की आग बुझाने निकला हूं, विश्वगुरु भारत की गौरव गाथा गाने निकला हूं| राणा प्रताप के बलिदान को दुनिया रखेगी याद, शिवा के शौर्य से दुश्मन भी जाते थे भाग, छत्रसाल की तलवार जब उगलती थी आग, सैकड़ों को छोड़ हजारों को देती थी दाग , जो देश लोगों को जान था मान था सम्मान था, भारतवर्ष महान था, महान था ,महान था|| ।।सौरभ वर्मा।।