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कविता, कब मिलेगा पीडित नारी को इंसाफ।

राणा प्रताप कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 32087 0 Hindi :: हिंदी

ना मानवता का रहा मान। 
जहाँ इंसानियत हो शर्मशार। 
आये दीन होते हैं बलात्कार। 
कब रूकेगा ये जधंय अपराध। 
कब तक होगा मनिषा निर्भया कांड। 
हो रहा नारी चरित्र का हनन। 
अबला नारी को सता रहे ।
नारी का अस्तित्व मिटा रहे ।
अपराधियों को मिले खुली छुट। 
वे अपराधो से हो जाते हैं मुक्त। 
पिडिता को आँधी रात को जलाये। 
सारे सबुत को मिटा रहे।
घर वालो को धमकाया जा रहा। 
रिश्वत से दबाया जा रहा। 
जिते जी ना मिला इलाज। 
मरने के बाद ना मिला इंसाफ। 
कब तक लगायेगें न्याय का गुहार। 
कब मिलेगा पीडित नारी को इंसाफ। 


लेखक - राणा प्रताप कुमार 
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश। 
मो0न0- 73473790486

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