RANJIT MAHATO 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जीवन की दौड़ 18627 0 Hindi :: हिंदी
लोग जीवन में दौड़ लगा रहे है, दौड़नेवालो को पता नहीं वे कहाँ जा रहे है, दौड़नेवालो को पता नहीं वे क्या खो और क्या पा रहे है, दौड़नेवालो को पता नहीं आस-पास से कौन गुजरते जा रहे है, बस चंद कागज के टुकड़ो के पीछे वे दौड़ लगा रहे है, उन्हें पता नहीं की क्या वे अपने जीवन को सार्थक बना रहे है। By- Ranjit Mahato
My name is Ranjit Mahato and I am self-employed by profession. I have a passion for reading and writ...