akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक भाई बहिन के प्यार एवं स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन के त्यौहार पर कविता 74254 0 Hindi :: हिंदी
*रक्षाबंधन* भैया रेशम के धागे का बंधन भूल न जाना रक्षाबंधन के दिन भैया बहिन को नहीं भुलाना। घर में रहकर बचपन मे हम कितनी धूम मचाते थे मेरी चोटी खींचकर भैया तुम बाहर भग जाते थे। अपनी जिद पूरी कराने तुम हमको बहुत सताते थे छोटी छोटी बातों पर तुम अपना मुंह फुलाते थे। झगड़ा करके मेरे खिलौने लेकर तुम छुप जाते थे पापा मम्मी के कहने पर मुझको साथ खिलाते थे। अपनी गुल्लक के पैसे से टाफी तुम्हें खिलाते थे टाफी की उस मिठास को भैया देखो भूल न जाना। भैया रेशम के धागे का बंधन भूल न जाना बहिन को घर बुलाकर भैया मायका याद दिलाना । जब तक जीवन है भैया तुम अपना फर्ज निभाना भाई बहिन के प्यार का बंधन भैया भूल न जाना। बचपन की इन यादों को तुम फिर से याद दिलाना बहिन भाई के इस रिश्ते को भैया भूल न जाना भाई बहिन के अमिट प्यार का ये त्यौहार सुहाना रक्षाबंधन के दिन भैया बहिन को भूल न जाना । रचयिता -अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर
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