Jyoti yadav 08 Jun 2023 कविताएँ अन्य नारी हूं मैं हिन्दुस्तान की 7439 0 Hindi :: हिंदी
जहां जाओगे हमें ही पाओगे। दुर नहीं हो पाओगे चाहे जीतना दुरी बनाओगे सैर किया है हमने जन्नत से लेकर श्मशान की नारी हूं मैं हिन्दुस्तान की यूं तो लोग हमें अबला समझते हैं हमसे नहीं हो पाएगा बातें करते हैं पर जिम्मेदारी लेते है हम घर के सारे काम की नायिका रहकर संचालन करते हैं युद्ध के कमान की नारी हूं मैं हिन्दुस्तान की मैं हर जगह हूं ढुंढ कर देख लो मेरे पांव में घुंघरू है तो सर पर ताज है देश के शान की नारी हूं मैं हिन्दुस्तान की मत व्यंग्य करो मेरे कमेन्ट में साथ तेरे खड़ी हूं मैं पार्लियामेंट में कहीं नहीं हूं अब्सेंट मैं रहती सदा प्रजेंट मै सामना करतीं हूं मैं भी हर खुशी हर ग़म हर आंधी हर तुफान की नारी हूं मैं हिन्दुस्तान की