मोती लाल साहु 30 Mar 2023 शायरी समाजिक हमसफर की तलाश, पर्दे में वो सपनों की कली खिली बैठी है। 9628 0 Hindi :: हिंदी
पर्दे में वो सपनों की कली खिली बैठी है। इंतज़ार में अब एक नज़र को है बेकरार।। हमसफ़र की ये तलाश तेरा ही हर करम। इनायत है अब खुदा की तुम्हारे ही नज़र।। -मोती