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मुसाफिर-दिल मे ठहरे हुऐ लोग कभी मुसाफ़िर नहीं होते

Raj Ashok 30 Jan 2024 शायरी प्यार-महोब्बत मुसाफिर 3371 0 Hindi :: हिंदी

एक नजर ,जब उसे देखा 
हल्की सी  हंसी , होठों पर ठहर गई ।।
जिन्दगी के कुछ बिते पलो को जब याद कर ,पन्नों  पर कुछ कुतेरने  लगे ।
घीरे-घीरे वो कागज पर  नजर आने लगी ।
कहते है। के
दिल मे ठहरे हुऐ लोग कभी मुसाफ़िर नहीं
होते।

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