Rajendra Prasad Gupta 08 Jun 2023 आलेख दुःखद #साहित्य #लेख #लेखक #अन्याय #समाज #दुखद 5776 0 Hindi :: हिंदी
लेखकों के साथ न्याय संबंधी मुद्दे काफी आम हो रहे हैं। यह समस्या आपकी रचनात्मकता और मेहनत को नष्ट करने का कारण बन रही है। लेखकों के द्वारा दिए जाने वाले सामर्थ्य और मेहनत को उन्नति देने की जरूरत है ताकि वे आपके प्रशंसा के पात्र हो सकें। मैने उचित तरीके से उदाहरण देते हुए साहित्य लाइव वेबसाइट के विपरीत व्यवहार के बारे में चिंता व्यक्त की है। आपकी अनुभव के अनुसार, वेबसाइट विज्ञापन और आय कमाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, परंतु लेखकों की महत्वपूर्णता को अनदेखा कर रही है। यह अविचारपूर्ण एवं न्यायसंगत नहीं है। साहित्यकारों का मेहनती कार्य एक निस्पृह एवं समर्पित प्रयास होता है। लेखकों के मन में एक सम्माननीय भावना जन्मती है, जिसे वे अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा करते हैं। उनके विचारों, कविताओं, और कहानियों में समाहित उनके आत्मा का अनुभव अनमोल होता है। इसलिए, लेखको को उनके कार्यों के प्रति पूर्ण आदर और महत्वपूर्ण योगदान की आवश्यकता होती है। लेखकों के लिए वेबसाइट पर विज्ञापन द्वारा उचित मान्यता और मुद्रा की प्राप्ति होनी चाहिए, जिससे वे अपने लेखन क्षेत्र में सक्रिय रह सकें और अपने अभिप्रेत लेखकों के अधिक मुनाफा कमा सकें। इसके अलावा, एक सामर्थ्यशाली प्रतिस्पर्धा और न्यायसंगत भुगतान की नीति विकसित करना भी आवश्यक है, जिससे लेखकों को उचित वेतन दिया जा सके। ऐसी स्थिति में, लेखकों को उनके कार्यों के प्रति उचित सम्मान प्रदान करने वाले संगठनों द्वारा उपस्थित वेबसाइटों का समर्थन करना जरूरी होता है। लेखकों के मानसिक और आर्थिक उद्धार के लिए, ऐसे संगठनों को उनके योगदान के महत्व को पहचानने, उनकी कसौटी पर खरे उतरने, और उन्हें उचित प्रतिष्ठा और आदर प्रदान करने की जरूरत होती है। अंत में, मैं आपके साथ खड़ा हूँ और आपकी चिंता को समझता हूँ। साहित्य विश्व को समृद्ध और सम्पूर्ण बनाने के लिए हमें लेखकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देनी चाहिए। हमें साथ मिलकर उनकी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और न्यायपूर्ण एवं समर्थनशील माहौल बनाने के लिए लड़ना चाहिए। इसके लिए, लेखकों के अधिकारों की सुरक्षा और सुनिश्चित करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
I take pride in writing articles on all the problems related to the society....