Poonam Mishra 08 Jul 2023 गीत समाजिक जीवन का चक्र 5945 0 Hindi :: हिंदी
जीवन रूपी यात्रा में कहां विश्राम मैं पाऊंगी !यह तो मुझे पता नहीं है! चंद लफ्जों में मेरी बात कहां सिमट ने वाली है! अपने शब्दों में इस जीवन का मैं कैसे वर्णन कैसे कर पाऊंगी लगता है यह जीवन है स्वप्न अलौकिक जादू भरा एक पल जो यह बीत गया क्या ?फिर यह पल वापस आएगा? मन सोच रहा है क्या इस जीवन के जीवन मरण के चक्र से क्या? मैं भी छूट जाऊंगी ? मन सोच रहा है,,, मन सोच रहा,,,, है स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा