संदीप कुमार सिंह 05 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4707 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) द्रोणागिरि ले हाथ में,ले आए हनुमान। बची लखन की जान तब,पाए फिर नव जान।। गोवर्धन पर्वत उठा,कृष्ण दिए नव जान। नन्द ग्राम तब हो खुशी,गाए माधव गान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....