Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

गुमराह इंसान - पद्धति वही रहे भगवान बदलते रहो

Saurabh Sonkar 03 Apr 2023 कविताएँ धार्मिक गुमराह इंसान ! पद्धति वही रहे भगवान बदलते रहो जख़्म वही रहे मलहम बदलते रहो सपने वही रहे बस रात बदलते रहो प्रवृत्ति वही रहे पहचान बदलते रहो सामान वही रहे दुकान बदलते रहो आदतें वही रहे इंसान बदलते रहो व्यवहार वही रहे विचार बदलते रहो बीमारी वही रहे डॉक्टर बदलते रहो समझ वही रहे किताब बदलते रहो काम वही रहे सरकार बदलते रहो सीख वही रहे इतिहास बदलते रहो खुद वही रहे समाज बदलते रहो व्यक्ति वही रहे पहचान बदलते रहो मूर्ति वही रहे बस धाम बदलते रहो कर्म वही रहे बस धर्म बदलते रहो ज्ञान वही रहे संस्थान बदलते रहो काम वही रहे बस नाम बदलते रहो भूख वही रहे भोजन बदलते रहो व्यंजन वही रहे थाली बदलते रहो परिस्थिति वही रहे स्थान बदलते रहो मंजिल वही रहे रास्ते बदलते रहो स्वाद वही रहे मिष्ठान बदलते रहो सुगंध वही रहे बस इत्र बदलते रहो समस्या वही रहे समाधान बदलते रहो स्थिति वही रहे ईमान बदलते रहो नज़रिया वही रहे नज़र बदलते रहो चरित्र वही रहे बस चित्र बदलते रहो नेतृत्व वही रहे बस नेता बदलते रहो कर्ज वही रहे कर्जदार बदलते रहो किराया वही रहे किरायेदार बदलते रहो परिणाम वही रहे परीक्षा बदलते रहो उपलब्धि वही रहे मेहनत बदलते रहो ......✍️✍️ 8121 0 Hindi :: हिंदी

गुमराह इंसान !

पद्धति वही रहे भगवान बदलते रहो
जख़्म वही रहे मलहम बदलते रहो
सपने वही रहे बस रात बदलते रहो
प्रवृत्ति वही रहे पहचान बदलते रहो

सामान वही रहे दुकान बदलते रहो
आदतें वही रहे इंसान बदलते रहो
व्यवहार वही रहे विचार बदलते रहो
बीमारी वही रहे डॉक्टर बदलते रहो

समझ वही रहे किताब बदलते रहो
काम वही रहे सरकार बदलते रहो
सीख वही रहे इतिहास बदलते रहो
खुद वही रहे समाज बदलते रहो

व्यक्ति वही रहे पहचान बदलते रहो
मूर्ति वही रहे बस धाम बदलते रहो
कर्म वही रहे बस धर्म बदलते रहो
ज्ञान वही रहे संस्थान बदलते रहो

काम वही रहे बस नाम बदलते रहो
भूख वही रहे भोजन बदलते रहो
व्यंजन वही रहे थाली बदलते रहो
परिस्थिति वही रहे स्थान बदलते रहो

मंजिल वही रहे रास्ते बदलते रहो
स्वाद वही रहे मिष्ठान बदलते रहो
सुगंध वही रहे बस इत्र बदलते रहो
समस्या वही रहे समाधान बदलते रहो

स्थिति वही रहे ईमान बदलते रहो
नज़रिया वही रहे नज़र बदलते रहो
चरित्र वही रहे बस चित्र बदलते रहो
नेतृत्व वही रहे बस नेता बदलते रहो

कर्ज वही रहे कर्जदार बदलते रहो
किराया वही रहे किरायेदार बदलते रहो
परिणाम वही रहे परीक्षा बदलते रहो
उपलब्धि वही रहे मेहनत बदलते रहो

                        - सौरभ सोनकर

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: