Pankaj Kumar Boorakoti 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक # जज्बात 14750 0 Hindi :: हिंदी
यह बात है जज्बातों की अच्छे एहसासों की, दुनिया का यह दस्तूर है चुप रहने वालों का ही कसूर है, करता नहीं कोई किसी का मान सम्मान, सब की अपनी ही है शान बान, रिश्ते नाते कहने की बातें, मतलब के लिए ही है सब आते, कोई नहीं करता किसी का विचार, पैसों के लिए ही है भाई चार -चार, देता नहीं कोई किसी को पानी, दुख में करते हैं आना-कानी, यह बात है जज्बातों की अच्छे एहसासों की. लेखक पंकज कुमार बुड़ाकोटी