Sudha Chaudhary 04 Oct 2023 कविताएँ अन्य 11618 0 Hindi :: हिंदी
सुख में दीप जले जैसे दुख में बात नहीं हम कैसे रोके उसको जिसके साथ नहीं। आंगन की अंगड़ाई में दिल की इस गहराई में मत इतना गुबार भरो जिसकी हो भरपाई नहीं। रिश्ते की गरिमा होती है कथन घाव कर देती है उसे संभालो चुप रह कर अंतिम साज कोई नहीं। पहले सुनने में वक्त पड़ा जीवन में प्रेम का मूल्य बड़ा बढ़कर गले लगा लो जीत का कोई मूल्य नहीं। सुधा चौधरी बस्ती