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विदाई-आँसूओं से सीचूँगा

Samar Singh 09 May 2023 गीत दुःखद जब हम स्कूल कालेज में थे तब जब पढ़ाई लिखाई की अंतिम दिन होती है, और पता चलता है सारे दोस्त अब बिछड़ जायेंगे। दिल में सिर्फ याद रह जायेगी, यह सोच के आँख भर जाती है। 5388 0 Hindi :: हिंदी

रिश्ते टूट जायेंगे, 
अरमां बिखर जायेंगे। 
हमें जब याद आयेगी इस पल की, 
गम के झोंकों से हम तो सिहर जायेंगे।। 

अभी से एक अँधेरे की चादर बढ़ रही है, 
सारी खुशियाँ विदाई के गम से लड़ रही है। 
एक आँसू की बूँद आँखों से लुढ़कता है, 
गम का सिर्फ नहीं होता है एक नमूना। 
हर जगह एक काली परछाई दिखती है बिछड़ने की, 
दिल में एक सैलाब उठता है, सारा जहाँ है सूना।। 

कैसी घड़ी आ रही है, 
आँखों में आँसू ला रही है। 
दोस्तों का ये कारवाँ छूट जायेगा, 
एक ऐसी बही है हवा, 
दोस्तों का ये जखीरा लुट जायेगा।। 

कौन कहाँ होगा, कौन होगा यहाँ। 
दिल में रहेगा, हर पल की दास्तां।। 

दिल में यादों के दरख़्त को, 
आँसूओं से सीचूँगा। 
अल्फाज की अब तो कमी पड़ रही, 
अब हर शख्स से क्या कहूँगा।। 

रचनाकार- समर सिंह " समीर G "

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