Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

उपजा मन अनुराग से-सबसे बढ़ा लगाव

संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5100 0 Hindi :: हिंदी

कुंडलिया छंद
होली की अति है खुशी,भागा अशुभ दुराव।
उपजा मन अनुराग से,सबसे बढ़ा लगाव।।
सबसे बढ़ा लगाव,भूल कर पिछली कटुता।
संगी दुश्मन संग,बैठ कर करता पटुता।।
सुनता हूं अब फाग,मधुर सबकी अब बोली।
हुआ कांत मय गात,संग खेलें हम होली।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: