मोती लाल साहु 27 Oct 2023 शायरी प्यार-महोब्बत बेज़ार ज़िंदगी में आशा 10634 0 Hindi :: हिंदी
"ये करीबियां- अब अपनों से भी, अपना लगने लगी है"! "ये करीबियां- बेज़ार ज़िंदगी, में आशा ला रही है"! "ये खिलने- लगी है एक ज़िंदगी, मुरझाने से बच गई है"!! "तेरा दिया- यह ज़िंदगी अब, अपना सा लगने लगी है"!!!! -मोती