Sunil suthar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक बेरोजगार कि आवाज , बेरोजगार कि पुकार, बेरोजगारी का हाल, बेरोजगार शायर, बेरोजगार का बदहाल, 12137 0 Hindi :: हिंदी
(कविता) बेरोजगार की आवाज .... गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए, सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए, तुम्ही हो भाषण, तुम्ही हो ताली, तुम्ही हो ठाकर ,तुम्ही हो साकर, हमको बस एक हक की रोटी नसीब हो जाए, गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए, सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए ।। तुम्ही ने हमसे चम्मच छीनी, तुम्ही ने रोटी चीनी, तुम्ही ने होटो से चाय छीनी,तुम्ही ने मधु का प्याला, हमको बस एक जहर का प्याला नसीब हो जाए, गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए ... सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए ।। तुम्ही हो गाङी ,तुम्ही हो इंजन ,तुम्ही हो अगाङी-पिछाङी, तुम्ही हो ईधन तुम्ही हो टंकी, तुम्ही काला धुआं, हमको बस एक धुएं का दाग नसीब हो जाए... गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए, सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए ।। तुम्ही हो बाढ ,तुम्ही हो सूखा ,तुम्ही हो हलधर-बिजूका, तुम्ही हो ट्रैक्टर तुम्ही हो ट्रॉली, तुम्ही हो कटोरा-झोली, हमको बस एक घर की भिक्षा नसीब हो जाए, गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए, सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए ।। तुम्ही हो बागी, तुम्ही हो दयालू, तुम्ही हो झूठे रिश्वत खोरी, तुम्ही हो तस्कर तुम्ही हो साधू ,तम्ही हो योगी-ढोगी, हमको बस एक कौङी पैसा नसीब हो जाए... थोङी हम पे महर करो तो नैया पार हो जाए थोङी थोङी थोङी हम पर थोङी महर हो जाए ... गांव गली शहरो मे चर्चे आम हो जाए, सत्ता धारी द्वार खोले तो हम तेरे हो जाए ।। सुनिलनारायण मु.पो -खारा तहसील -सांचौर जिला -जालोर (राज. )