संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 8329 0 Hindi :: हिंदी
अभियंता से ये जहां, बड़े_बड़े कर काम। करे समस्या को सुलभ, जीना कर आसान।। आविष्कार सुजान कर, रौशन करे चिराग। तम को करके दूर ही, जीवन में है राग।। नए _नए दे यंत्र सब, लाया सभी बहार। दूरभाष ने कर दिया, दूरी से ही प्यार।। अभियंता निर्माण कर, दुनिया में सब चैन। खुदी मेहनत खूब कर, जीवन चमके रैन।। अभियंता ही शान हैं, चमके_दमके देश। घर घर में है नित खुशी, भूले नहीं महेश।। अभियंता करते प्रगति, जनता के हैं साथ। खुशियाँ ही खुशियां मिले, करे मजबूत हाथ।। अभियंता भूषण लगे, विश्व जोत हैं कांत। भौतिक सुख दे सभी, मन भी अब है शांत।। अभियंता से सज धरा, करते अद्भुत खोज। नए_नए तकनीक से, जीवन सजते रोज।। अभियंता होते सरल, सुन्दर इनके भाव। मिलते जुलते हैं सदा, रखते सबसे चाव।। अभियंता ही दीप हैं, दुनिया में है नाम। अच्छे अच्छे काम कर, खुशियां देय तमाम।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....