Ujjwal Kumar 16 Jul 2023 कविताएँ धार्मिक New poem of cow write by:-ujjwal kumar गौ माता,गौ माता कहते,किसको तुम बतलाते हो। गाय घूम रही गली-गली और कुत्ते को सहलाते हो। 15662 2 5 Hindi :: हिंदी
गौ माता,गौ माता कहते,किसको तुम बतलाते हो। गाय घूम रही गली-गली और कुत्ते को सहलाते हो।। हम ऐसी नगरी में रहते हैं कुत्ता मेरा गाय को तेरा कहते हैं। गौ दुग्ध से पले-बढ़े हम,वो जुल्म हमारा सहते है।। साक्षरता इतनी बढ़ गई, कुत्ते,गाय की पहचान नहीं। गाय से बढ़कर कुत्ते इनके,जिसका सहता अपमान नही।। गाय का सम्मान नहीं,कुत्ते लाख में बिकते हैं। गौ-माता है कहीं कहीं और हर घर इनके कुत्ते है।। गाय हमारी माता है और बड़े कहते हैं। मुस्लिम से क्या लड़ते तुम, खुद इन्हें मरवाते हैं।। कुत्ते रखते दो-दो चार, शौक बड़ा ही नेकी है। गौतमी-सुरभि से बढ़कर, इनके रॉकी-जैकी है।। प्रतीत हो रहा है ऐसा, हर घर कुत्ता अनिवार्य होगा। अरसों बाद लोगों के, कुत्ता नाम जागीर होगा।। इंसान कितना पढ़ लिया घटिया हो गए कर्म। गाय जा रही है सड़कों में, बूढ़े जा रहे हैं वृद्धाश्रम।। कुत्तों का तो शौक होगा, हर दरवाजे गली-गली पर। आने वाली युवा देखेगी गाय को शायद चिड़ियाघर।। ✍युवा रचनाकार उज्जवल कुमार (झारखंड) ☝️Note:- कड़वा है पर सच है उम्मीद है आपलोगो को यह कविता पसंद आई होगी,आपलोगो को कैसी लगी कमेंट कर बताईए । जय गौ माता,जय हो 🙏🙏
8 months ago