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जगत में चार पदारथ-इनसे सबको प्रेम

मोती लाल साहु 07 Sep 2023 शायरी अन्य अर्थ-धर्म-काम और मोक्ष 12702 0 Hindi :: हिंदी

जगत में चार पदारथ,
इनसे सबको प्रेम।

कर्म करि हारा जीवन,
हाथ न आया भेद।।

भक्ति जो है श्रेष्ठ कर्म,
ता में चाबी ज्ञान।

अज्ञान ताला तू खोल,
धरा चार-पदारथ....!!!!
-मोती 

(चार पदारथ-
अर्थ-धर्म-काम और मोक्ष)

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