Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत इश्क़ 25249 0 Hindi :: हिंदी
इश्क़ भी क्या अजीब होती है होती है जिस को भी संगीन होती है खुद तो तड़पती है ताह उम्र जिसको तड़पाती है उस को ताहे जमीन करती है इश्क़ वफा कहाँ कर पति है बेवफाई तो खुब निभाती है इश्क़ चीज़ ही ऐसी है, न निभती है न निभाती है इश्क़ भी देती है इश्क़ कर के घोखा इश्क़ है ही ऐसी जो सबको सुलगाती है और अपने आगोश में लेकर आग बरसाती है क्यो रोते हो रुपेश कहाँ है इश्क़ इश्क़ से एक तुम ही नही है और भी है जहँ में