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Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 66879 0 Hindi :: हिंदी

कविता = ( फेसबुक )

लिखने का शौक़ था !
मुफ़लिसी का दौर था !!
पेट से मजबूर था !
तालीम से दूर था !!

जवानी का खून था !
दिल में जुनून था !!
शौक़ भी रंगीन था !
कलम का सुरूर था !!

जिंदा रहा मेरा ! 
शौक़ जो अज़ीज़ था !!
बंदा ग़रीब था !
लकीर का फ़क़ीर था !!

कर न सका कोई !
लेखनी का खून था !!
तालीम से महरूम था !
वक्त भी मग़रूर था !!

कलम पर ग़रूर था !
लिखने का फ़ितूर था !!
मंज़िल से दूर था !
हौसला भरपूर था !!

लेखनी पर सवार था !
बिलकुल गॅंवार था !!
बेशक फ़क़ीर था !
दर्द से अमीर था !!

दर्द से संवारा मैंने !
बिगड़ा नसीब था !!
दर्द के साँचे में ढाला !
ग़ज़ल ए शरीर था !!

मैं तो गुमनाम था !
फेसबुक का अहसान था !!
फेसबुक ने जोड़ा मेरा !
ये सारा परिवार था !!

प्यार का मुरीद था !
प्यार से ही दूर था !!
सब मेरे पास है !
जिससे भी दूर था !!

विपिन बंसल

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