बासुदेव अग्रवाल 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य शक्ति छंद 65781 0 Hindi :: हिंदी
शक्ति छंद "फकीरी" फकीरी हमारे हृदय में खिली। बड़ी मस्त मौला तबीयत मिली।। कहाँ हम पड़ें और किस हाल में। किसे फ़िक्र हम मुक्त हर चाल में।। वृषभ से पड़ें हम रहें हर कहीं। जहाँ मन, बसेरा जमा लें वहीं।। बना हाथ तकिया टिका माथ लें। उड़ानें भरें नींद को साथ लें।। मिले जो उसीमें गुजारा करें। मिले कुछ न भी तो न आहें भरें।। कमंडल लिये हाथ में हम चलें। इसी के सहारे सदा हम पलें। जगत से न संबंध कुछ भी रखें। स्वयं में रमे स्वाद सारे चखें।। सुधा सम समझ के गरल सब पिएँ। रखें आस भगवान की बस जिएँ।। ************ शक्ति छंद विधान - यह (122 122 122 12) मापनी पर आधारित मात्रिक छंद है। चूंकि यह एक मात्रिक छंद है अतः गुरु (2) वर्ण को दो लघु (11) में तोड़ने की छूट है। दो दो चरण समतुकांत होने चाहिए। ============= बासुदेव अग्रवाल 'नमन' © तिनसुकिया